
अब ज़रा सोचिए… आपके पास ₹10,000 हैं, और आप चाहते हैं कोई ऐसा काम जिसमें न ज़्यादा जगह लगे, न भारी इंवेस्टमेंट, लेकिन कमाई हो महीने के ₹30,000 से ऊपर? तो भइया, Mobile Repair Shop खोलना आपके लिए एकदम बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
आजकल तो हर हाथ में मोबाइल है — बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक। और जब मोबाइल है, तो उसमें कुछ न कुछ खराबी भी आनी ही है। स्क्रीन टूटती है, बैटरी फट जाती है, चार्जिंग खराब हो जाती है… मतलब मोबाइल रिपेयरिंग की डिमांड कभी खत्म होने वाली नहीं।
लोग ऐसे बिजनेस की ओर क्यों बढ़ रहे हैं?
सीधी सी बात है — बड़ी नौकरी सबको नहीं मिलती। और छोटे शहरों या गांवों में तो रोजगार की हालत और भी पतली है। ऐसे में लोग अब खुद का छोटा-सा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जिससे घर बैठे भी कुछ कमा सकें और दूसरों पर निर्भर भी न रहें।
Mobile Repairing का बिजनेस इसी वजह से तेजी से पॉपुलर हो रहा है —
● कम लागत
● कम स्पेस
● रोज़ की इनकम
● सीखने में आसान
● और सबसे बड़ी बात — लगातार डिमांड!
Mobile Repair का बिजनेस शुरू कैसे करें?
सबसे पहले, आपको ये समझना होगा कि कोई भी दुकान खोलने से पहले थोड़ी-बहुत तैयारी करनी ज़रूरी होती है।
1. जगह की ज़रूरत
Mobile Repair Shop खोलने के लिए आपको किसी बड़ी दुकान की ज़रूरत नहीं है। 6×6 की एक छोटी-सी जगह भी काफी है। अगर आपके घर के बाहर या किसी गली में थोड़ा कोना खाली है, तो वहीं से शुरुआत हो सकती है।
लेकिन अगर आप मार्केट एरिया में दुकान लेते हैं, तो फायदा ज़्यादा होगा। लोग चलते-फिरते दुकान देखेंगे और भरोसे से फोन रिपेयर करवाएंगे।
Example:
राजू नाम का लड़का, बिहार के एक छोटे कस्बे में रहता है। उसने घर के बाहर एक छोटी सी टेबल पर बोर्ड लगा दिया — “मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर”। आज उसकी रोज़ की कमाई ₹800 से ₹1500 तक हो जाती है।
2. सीखना ज़रूरी है
अगर आप खुद मोबाइल रिपेयरिंग करना चाहते हैं तो किसी लोकल इंस्टिट्यूट से 2-3 महीने की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
कोर्स फीस ₹3000–₹7000 तक हो सकती है, लेकिन एक बार सीख गए तो जिंदगी भर कमाई होती रहेगी।
कौन-कौन सी चीजें चाहिए होंगी?
आपको शुरुआत में कुछ बेसिक टूल्स और सामान खरीदना होगा:
- स्क्रूड्राइवर सेट (जैसे T5, T6)
- टच ओपनर, टूल किट
- Soldering Iron
- Multi-meter
- Screen Separator Machine (छोटे पैमाने पर नहीं भी चलेगा)
- Tweezers, Brush, Cleaning Spray
- मोबाइल रिपेयरिंग पार्ट्स का छोटा स्टॉक — जैसे चार्जिंग पोर्ट, बैटरी, टच पैनल, आदि
छोटे शहरों में इन चीज़ों की कीमत ज्यादा नहीं होती। आप ₹5000–₹7000 में यह सारा सेटअप ला सकते हैं।
किस जगह पर सबसे अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है?
यह बिजनेस ज़्यादातर उन जगहों पर चलता है जहाँ:
- कॉलेज या स्कूल के आसपास यूथ की संख्या ज़्यादा हो
- मार्केट एरिया में मोबाइल शॉप्स हैं
- गांवों में जहां टेक्निशियन की कमी है
- छोटे शहरों की गलियों में जहाँ भरोसे का रिपेयर वाला नहीं है
Example:
उत्तर प्रदेश के एक गांव में रिंकू नाम के लड़के ने अपने गांव की चौपाल पर मोबाइल रिपेयरिंग शुरू की। लोग पहले शहर जाया करते थे, लेकिन अब रिंकू की दुकान पर ही सब आ जाते हैं।
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कुल लागत कितनी आएगी?
अगर आप बिलकुल बेसिक लेवल से शुरू कर रहे हैं तो:
- टूल्स और किट = ₹5000
- दुकान किराया (छोटे शहर में)= ₹2000/महीना
- बोर्ड और टेबल कुर्सी = ₹1500
- बाकी छोटे-मोटे खर्चे = ₹1500
कुल लागत (एक अनुमान): ₹10,000–₹12,000
अगर आप खुद की जगह से शुरू करते हैं तो ₹5000 में भी हो सकता है।
कमाई कितनी हो सकती है?
अब बात करते हैं सबसे मज़ेदार हिस्से की — कमाई!
शुरुआत में रोज़ 3-5 मोबाइल मिलने लगते हैं, जिनमें एक मोबाइल से ₹100–₹500 तक की कमाई हो सकती है। जैसे-जैसे आपका नाम बनता है, ग्राहक खुद चलकर आते हैं।
एक Practical अनुमान:
- रोज़ 5 मोबाइल रिपेयर × ₹200 (औसत) = ₹1000
- महीने में 25 दिन काम = ₹25,000
- पार्ट्स बेचने और एक्सेसरीज़ मिलाकर = ₹5000–₹10000 एक्स्ट्रा
यानि कि एक छोटे गांव या शहर में भी ₹25,000–₹35,000 की कमाई आराम से हो सकती है।
और अगर आप शहर में हैं, तो ये आंकड़ा ₹50,000+ तक भी पहुंच सकता है।
क्यों Mobile Repair Shop एक स्थायी आमदनी का जरिया बन सकता है?
देखिए, लोग महंगे फोन खरीदते हैं लेकिन हर कोई नया फोन बार-बार नहीं खरीद सकता। मोबाइल रिपेयरिंग एक ऐसी सर्विस है जो हमेशा डिमांड में रहती है — recession-proof, season-proof और trend-proof।
और सबसे खास बात — जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा, वैसे-वैसे आप complex काम भी करना सीखेंगे और ज़्यादा चार्ज कर पाएंगे।
थोड़ा सोचिए — क्या कोई और ऐसा बिजनेस है जो:
- ₹10,000 से शुरू हो जाए
- हर गली-मोहल्ले में ज़रूरत हो
- रोज़ की कमाई हो
- और स्किल बढ़ने के साथ कमाई भी बढ़ती जाए?
शायद नहीं।
अंत में एक दोस्ताना सलाह:
अगर आप बेरोजगार हैं, या किसी छोटी नौकरी से तंग आ चुके हैं, तो एक बार mobile repair shop को seriously सोचिए। शुरू में थोड़ा टाइम लगेगा, लेकिन जब ग्राहक बनने लगेंगे तो आपको खुद समझ आ जाएगा — यह छोटा-सा काम आपको बड़ी कमाई और इज़्ज़त दोनों दे सकता है।
“शुरुआत छोटी है, लेकिन मुनाफा बड़ा हो सकता है।”
इसलिए देर मत कीजिए… मोबाइल रिपेयरिंग का बिजनेस आपके गांव या शहर में अगला बड़ा नाम हो सकता है — और वो नाम आपका भी हो सकता है।